UNFORGETTABLE ROAD TRIP PART 2

हेलो गाइज आपसे दुबारा मिलकर बहुत ख़ुशी हुई। आशा करता हूँ आप सब खुश और सुरक्षित होंगे। मेरे न्यू ब्लॉग मैं आपका स्वागत हैं वेलकम टू माय न्यू ब्लॉग।

हेलो गाइज आपसे दुबारा मिलकर बहुत  ख़ुशी हुई। आशा करता हूँ  आप सब खुश और सुरक्षित होंगे। मेरे  न्यू  ब्लॉग मैं आपका स्वागत हैं वेलकम टू माय न्यू  ब्लॉग।🙏 तो हम चले थे एक ऐसी ट्रिप पे जिस से वापस आकर हमने राहत की साँस ली , जो की बहुत समसयाओ और मनोरंजन से भरी थी। 
तो अब हम आधे रस्ते आ चुके थे  जैसा की अपने मेरे  पिछले ब्लॉग में पढ़ा होगा। अगर नहीं पढ़ा तो पहले  इसका पार्ट एक पढ़े  
तो इस आधे रस्ते मैं भी हमने बहूत  मजे किये अब ऋषि तो आराम से चल रहा था अपने  पीछे सिर्फ एक को बिठा के। .. और हमारा होगया पाछा दर्द एक स्कूटी पे तीन बंदो का बठे बैठे,क्या करे मजबूर थे और सोच रहे थे  की काश रवि ने मना कर  दिया  होता साला आके फस गया स्कूती पे।😜तो ये था अब तक का दिन दिन का सफर और अब हो जाती हैं रात। ..... 

१. आगये ऋषिकेश 

हम चल पड़े थे देहरादून से ऋषिकेश की ओर श्याम होती जा रही थी जंगल बढ़ता जा रहा था।  चलते चलते रोड पे हमारे सिवा  कोई नहीं सिर्फ हमारी दो बाइक और इंजन की आवाज  वो सात या आठ बजे का वक्त  था  वो ऋषिकेश के टेढ़े मेढ़े रस्ते न रोड पे लाइट जिससे डर और लगता जा रहा था।  लग रहा था की कोई हमे रोक के लूट न ले।😂र दोस्त साथ में हो तो क्या डर वैसे फट तो उनकी भी रही थी। 😜
फिर भी हम कैसे न कैसे रात को दस बजे के करीब पहुंच गए ऋषिकेश जहा  अँधेरे में कुछ दिख नहीं रहा था न पहाड़ और न ऋषिकेश की खूबसूरती😏फिर हम पोहचे लक्ष्मण झूले के पास झा हमने गंगा किनारे लगाई स्कूटी  और चले घूमने में पहली बार ऋषिकेश गया था तो मुझे अच्छा  तो लग रहा पर कुछ दिख नहीं रहा था और मैं सोचाता था की लक्ष्मण झूला झूलता होगा पर ऐसा कुछ नहीं था😝और  हमने एक बार उसका चक्कर  लगाया और होलिए मार्किट की ओर...... 
हमने सोचा अब कुछ खाते  हैं क्युकी सुबह  से निकले हुओ  ने कुछ खाया नहीं  था  तो हम सबसे पहले खाते  हैं छोले  कुलचे वाओ.😋र क्या स्वाद  भी मुँह में पानी अजाता हैं तो अब थोड़ा खाया तो सोचा घूमे थोड़ी भोत लड़किया देखे सुना है भोत खूबसूरत होती हैं। थोड़ी देर गंगा मैं पैर डाल  के बैठे जहा  पार्थ और रवि की दान देने के ऊपर बहस होगई मगर मुझे मजा आ रहा था।😂

अब हमें मिलता हैं एक वर्ल्ड टूरिस्ट जो  दुनिया घूमना चाहता था जिससे हमने बात की तो वो  कुछ कॉन्ट्री  घूम भी चूका था उसका नाम तो अब मुझे याद नहीं पर वो  नेपाल का बंदा था जो की अपने पेसो से संसार घूमना चाहता  था वो  भी बहुत  मजेदार था। अब हमे भूक लग रही थी और हम ऋषिकेश की सबसे मशहूर दुकान चोटी  वाला  के पास गये जहा हमे रात के ग्यारह बजे कुछ नही मिलता हैं पर उसकी रेसेपनिस्ट अछि थी मेरा तो उसको को ही देख के पेट भर गया। फिर हमने एक छोटी मोती  दुकान से कड़कती ठण्ड मैं हमने पी कोल्ड कॉफी और मेने लस्सी 😂 क्या करे और कुछ खाने को ही नही  मिला। 
अब हम रहने के लिए  गए होटल में जहा  उसने दो हजार रेट बोला तो हम बिना कुछ बोले बहार आ गए।😅फिर  गए धर्मशाला मैं पर वो  शांति रखते हैं ओर हमसे कहा शांत  रहा जाता है तो वहां से भी हमें धक्के  मार के बहार  निकाल  देते  हैं  और इस चककर मैं हम रात को ही निकलने का प्लान बना लेते हैं।और लेके दो सिगरेट  अब हम चल पड़ते हैं हरिद्वार की ओर..... 

२. अरे भाई गुलाटी 


तो आपने  देखा होगा की हमरी ट्रिप कितनी मजेदर चल रही थी😆और  अब निकक्लने लगे ही थे की मेने गुलाटी से स्कूटी की चाबी मांगी थी और उसने चोड 😜 मैं आकर फेक दी जो सीधे गंगा के किनारे जा के पड़ी जहां  हमें कुछ   दिख भी नहीं रहा और सिर्फ चाबी के गिरने की आवाज आई थी अब उस चाबी के बिना तो हम कुछ कर  भी नहीं सकते थे तो भाई क्या करे निकाले फ़ोन और जलाई टोर्च चले गए गंगा  किनारे दुआ मांगते की हे माता  ढूंढ  वाइये चाबी और फिर गंगा माँ की किरपा से मुझे चाबी दिख जाती हैं और हमारी जान में जान अती  हैं  यार मैं उस पल के बारे मैं क्या बताओ आज भी मेरे रोंगटे खड़े होजाते हैं उस बात को सोच कर, और अब हम निकलते हैं हरिद्वार की ओर........ 

३.  रात एक बजे 

अब हम नीकलते हैं हरिद्वार की ओर  सुबह से नीक्ले  हुए  ना  कुछ खाया और न आराम किया आंखो  मैं  नींद पैर बस चल रहे थे सुनसान रहो मैं हमने डर की वजह से बोला की साथ साथ चलेंगे  क्युकी अकेले होते ही फट रही थी😜और फिर  तभी हमे एक उस जंगल  वाले रोड पे एक अजीब डवाइडर दीखता हैं जिसके मैं साइड से निकलता हूँ और हमें दिखता हैं डिजाइन और पता चलता हैं की वो डवाइडर नहीं अजगर था तो अब हमारी साड़ी नींद खुल चुकी\थी। 😱

और ऐसे चलते चलते अब हम पोहचते हैं हरिद्वार जो दूर से ही चमक रहा था वो लड़ियो से सजा हुआ और अब मैं पहली बार ही हरिद्वार गया था मगर घूमने की हालत मैं नहीं था और सोच रहा था कभी आऊंगा भी नहीं अब 😂
और थोड़ी देर मेंने वहां  अपनी दस मिनट की नींद ली गंगा किनारे बेठ के  और मेरा दोस्त रवि मुझे सोने नहीं दे रहा  था  ऋषि और पार्थ चले गए चाय पिने और हम थे उनके आने के इंतजार मैं की वो आये  और हम चले कॉलेज की और। .. 
क्युकी सफर बहुत  हो चूका था। 😂

४. वो गलत रास्ता 

अब हम जलाते  हैं ऋषीकेश से ली हुई सिगरेट और निकलते हैं😜पने कॉलेज की ओर हमें गुजर के जाना था सहारनपुर से जो लोग बोल्ते  थे की रात को वहां से जाना भोत खतरनाक हैं अब् रात के तीन बजे  का टाइम था  और हम निकले सहारनपुर की ओर.....
 अब चलते चलते  सुनसान रस्ते पर एक दम से होने लगती हैं बारिश और हमने ये सोचा नहीं था तो हम एक तोलिये  के सिवा  कुछ लाये भी नहीं थे  मगर अब होती जा रही थी तेज जिसमे हमसे राइडिंग नहीं हो पा  रही थी  तो हमें एक रस्ते मैं ढाबा दिखा तो हमने वह रोक ली जहा  कोई नहीं एक मालिक जो सो रहा था न वह कोई लाइट रोड टुटा हुआ बड़ी भयानक जगह थी तो हमने वह बेटे और उसके मालिक को जगाया और चाय  के लिए बोला  शुक्र हैं उसने बना  दी नहीं तो उम्मीद नहीं थी। और हम वहा  बारिश ख़त्म होने के इंतजार मैं  थोड़े  सो गए और जब आँख खुली  तो बारिश रुक चुकी थी मगर ठण्ड बहुत ज्यादा थी हम सब कम्प रहे थे अब क्या करे बस मन में ये था की बस कैसे न कैसे पहुँच जाये😂ऑर हम निकल दिए सहारनपुर के लिए सुना हैं मुसलमानो का इलाका हैं और भोत साडी फिलमें देखि हैं गुंडा गर्दी की तो वह से थोड़ा डर  लग रहा था फिर चलते चलते हम एक रस्ते पे पहुंचे जहा कोई दिख नहीं रहा था न कोई लाइट और एक पुल्ल जो की टुटा हुआ  था  तो हमने रोका तो देखा हम गलत आ चुके हैं वो रास्ता सहारनपुर  नहीं मुज्जफरनगर जा रहा था😱र वो उससे भी खतरनाक जगहे थी तो हमने लिया  यु टर्न और हुए सहारन पुर की ओर..😌 
और ऐसे चलते चलते हमने सहारन पुर की गलियों से डरते डरते गुजर गया सहारनपुर अब आगे था यमुनानगर 

५. कब आएगा कॉलेज 

अब हमे चलते चलते सुबह के पांच बज चुके  थे और हम यमुना नगर पहुंचे तो थोड़ा दिन हो चूका था तो डर थोड़ा कम हो गया मगर अभी मंजिल दूर थी हमे एक दिन होचुका था चलते चलते  रात को सोना तो दूर हमने कही रेस्ट भी नहीं  लिया तो हमारी आँखों मैं  नींद पता नहीं कैसे स्कूटी चला रहे थे बदल बदल के न कुछ ढंग से खा रखा था और न ही सुबहा फ्रेश हुए 😂बस चलते जा रहे है चलते जा रहे हैं। 


और फिर होती हैं बारिश जो हमारी दुश्मन थी पीछा नहीं छोड़ रही थी और अब हम चला रहे हैं अपनी स्कूटी और बाइक सो से उपर की स्पीड  मैं मगर फिर भी रास्ता ख़त्म नहीं हो रहा था।😌  और फिर हम थाना छप्पर के शेड के निचे रुके पर बारिश रुकी नहीं और हम ऐसे ही निकल लिए क्युकी और नहीं घूमना था हमे 😂
और हम अगले दिन के सुबह सात बजे  अपने कॉलेज मैं पहुचे और हमने राहत की साँस ली मैं फिर सोया और अगले दिन उठा इतना दुखी हो चिका था 😂

तो ये था मेरा एक लाइफ का खतरनाक और मजेदार किस्सा जिससे आज भी मैं याद करता हूँ तो रोंगटे खड़े होजाते हैं।  पर इसमें मजा भी बहुत आया और आशा करता हूँ आपको भी आया होगा। 


अगर अपको इसमें कोई किस्सा अच्छा या आपकी लाइफ से मिलता जुलता है तो मुझे जरूर कमेंट करके बताइए। मैं इंतजार करूँगा। ..... 😊

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धन्यवाद। 




Chaman Nagar

Author & Editor

I am Chaman Nagar. I am blogger since 2020 .Which tells about the enjoy of young life.Recently I started the blogging from a great inspiration

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